जिला हमीरपुर की संसदीय सीट पर अनुराग ठाकुर पर जीत का चौका लगाने का दबाव
You are here
Home > hamirpur > जिला हमीरपुर की संसदीय सीट पर अनुराग ठाकुर पर जीत का चौका लगाने का दबाव

जिला हमीरपुर की संसदीय सीट पर अनुराग ठाकुर पर जीत का चौका लगाने का दबाव

भारतीय जनता पार्टी

के गढ़ जिला हमीरपुर में संसदीय क्षेत्र में इस बार चुनावी रंग कुछ अलग ही हैं। यहां से लगातार 3 बार सांसद रहे अनुराग ठाकुर के साथ उनके पिता और पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल की साख भी दांव पर है। बतौर CM प्रत्याशी चुनाव हारने के बाद अब प्रेम कुमार धूमल ने बेटे अनुराग ठाकुर की जीत के लिए रात-दिन एक कर दिया है। और लगातार 3 बार सांसद रहे अनुराग ठाकुर सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे हैं। तो वहीं, कांग्रेस पार्टी ने दिग्गज नेताओं की ना-नुकर के बीच पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। और इम्तिहान कांग्रेसी नेताओं का भी है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि पार्टी में गुटबाजी के बीच BCCI के पूर्व अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश Cricket Association के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर क्या इस बार भी जीत का चौका लगा सकेंगे?

वीआईपी सीट हमीरपुर वर्ष 2007 से प्रेम कुमार धूमल परिवार के पास ही है। परन्तु इस बार कांग्रेस भाजपा के इस दुर्ग को उसी के अस्त्र से भेदने के प्रयास में है। भारतीय जनता पार्टी से लगातार 3 बार सांसद रहे सुरेश चंदेल ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है। और ऑपरेशन दुर्योधन में फंसे चंदेल को कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की अगुवाई वाली प्रचार समिति का उपकप्तान भी बना दिया है। और यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल तीन बार लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।

लावारिस पशुओं ने उजाड़े है खेत

बता दे की जिला हमीरपुर की अमरोह पंचायत के छबोट चौक पर बैठे कुछ ग्रामीण कहते हैं, कि गांव में कोई प्रत्याशी वोट मांगने तक नहीं आया। और न ही लावारिस पशुओं तथा बंदरों की समस्या से कोई निजात नहीं दिला सका। और न ही सिंचाई की सुविध, और जंगली जानवरों के कारण ही लोगों ने खेती छोड़ दी है। बता दे की कुठेड़ा तलाई गांव में दुनीचंद का कहना है की खिचड़ी वाली सरकार नहीं बननी चाहिए।

आदर्श गांव में काम रहे अधूरे

आपको बता दे कि सांसद अनुराग ठाकुर के गोद लिए गांव अणु खुर्द में महज 45 फीसदी ही कार्य पूरे हो पाए हैं। सीवरेज लाइन, बिजली ट्रांसफार्मर का उन्नयन, अणु कलां प्राइमरी स्कूल में 50 डेस्क, भवन की मरम्मत, नशा निवारण केंद्र, बंदरों की नसबंदी, घरद्वार कूड़ा एकत्रीकरण, स्पोर्ट्स व शारीरिक फिटनेस क्रियाएं, पंपिंग मशीनरी, िस्प्रंकलर आदि कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए हैं।

Similar Articles

Top
error: Content is protected !!