पंजाब सरकार ने राज्य में शराब के ठेके खोलने का अब मन बना लिया है। कोविड-19 के संकट के चलते लगाए गए कर्फ्यू के बीच सरकार ने रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने की तो छूट दी थी परन्तु शराब के ठेके बिना ही किसी नोटिफिकेशन के बंद कर दिए गए थे । नतीजतन राज्य सरकार को एक्साइज ड्यूटी के तौर पर होने वाली कमाई लगभग पूरी तरह ठप हो गई है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार, राजस्व की भारी कमी से जूझ रही पंजाब सरकार ने कोविड-19 संबंधी हिदायतों के साथ हर रोज निर्धारित समय के लिए शराब के ठेके खोलने का फैसला लिया है और जिसके बारे में जल्द ही सूचित कर दिया जाएगा। परन्तु अभी राज्य में शराब के अहाते पूर्व आदेश के तहत आगे भी बंद रहेंगे।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार इस संबंध में एक प्रस्ताव विभाग द्वारा CM को भेज दिया गया है। और विभाग चाहता है कि 31 मार्च तक जो 66 फीसदी ठेके रिन्यू किए जा चुके हैं, उन ठेकाधारकों को ठेके खोलने की अनुमति दे दी जाए। इन्हें दिन में 5-6 घंटे खोलने की ही अनुमति दी जाए तथा सामाजिक दूरी को भी सुनिश्चित किया जाए।
15 करोड़ रुपये का नुकसान
शराब के ठेके बंद होने से सरकार को रोजाना लगभग 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। और बीते एक महीने के दौरान सरकार को लगभग 450 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। दूसरी ओर, राज्य में शराबबंदी के आदेश के बाद भी ठेकों पर शटर के नीचे से शराब बेचने का सिलसिला बेरोकटोक जारी है। और इस तरह जहां शराब के ठेकेदार लोगों को महंगे दाम पर शराब बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं, तो वहीं सरकार को नियमानुसार होने वाली कमाई भी रुक गई है। और इसके अलावा हरियाणा में केवल लॉकडाउन है, इसलिए वहां से पंजाब में शराब की तस्करी भी बढ़ गई है।
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