नेपाल में कोरोना वायरस (Corona Virus
)के मामले सामने आने से लाहौल में काफी खौफ है। हालांकि अभी रोहतांग दर्रा से वाहनों की आवाजाही को नहीं खोला गया है। और कई नेपाली ऐसे हैं जिन्होंने लाहौल घाटी के लोगों की जमीन लीज पर पहले से ही ले रखी हैं। और ऐसे में नेपाली मौसम खुलने पर सीधे नेपाल से यहां खेतीबाडी करने के लिए पहुंच जाते हैं। और लाहौल के लोगों ने नेपाल से आने वाले हर शख्स का मेडिकल चेकअप करवाने की अपील की है।
रोहतांग दर्रा वाहनों की आवाजाही के लिए खुलने से पहले ही कदमताल कर भारी संख्या में नेपाली मजदूरी को यहां पहुंचना शुरू हो जाते हैं। करीब 30 फीसदी के नेपालियों ने यहां जमीन लीज पर ले रखी है। जिसमें कमाई की आधी रकम वह जमीन मालिक को देते हैं। ऐसे में एक ओर जहां नेपाली लोगों को लाहौल पहुंचने की उत्सुकता रहती है तो वहीं घाटी के लोगों में भी इनके यहां पहुंचने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
लाहौल 60 फीसदी से अधिक किसान-बागवान नेपाल से यहां आने वाले मजदूरों के सहारे ही अपनी खेतीबाड़ी को आगे बढ़ाते हैं। यही नहीं सीमा सड़क संगठन, लोक निर्माण विभाग के सभी कार्य नेपाली मजदूरों पर ही निर्भर है। जिला पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हर वर्ष यहां हजारों की संख्या में नेपालियों का पंजीकरण पुलिस थानों और चौकियों में दर्ज होता है। लाहौल-स्पीति जिप के चेयरमैन रमेश रूअलवा ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया है कि नेपाल से लाहौल में आने वाले हर नेपाली का मेडिकल चेकअप के बाद लाहौल भेजा जाए।
न्यूज़ सोर्स: https://www.amarujala.com/shimla/fear-of-coronavirus-from-nepal-in-lahaul-himachal-read-the-whole-case
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