हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के आदर्श कन्या स्कूल में शिक्षक ने ‘ईमानदारी स्टोर’ खोल कर एक अनोखी पहल की शुरुवात की है। आपको बता दे की इस स्टोर से छात्राएं जरूरत का सामान स्वयं लेकर गल्ले में इसका भुगतान करतीं हैं। और यहां पर सामान के पैसे लेने के लिए कोई भी तैनात नहीं हैं। यहां छात्राएं अपनी जरूरत के हिसाब से सामान लेकर वहां पर रखे बॉक्स में कीमत के अनुसार पैसे रख देती हैं। और इतना ही नहीं बल्कि पैसों के लिए बनाए गए बॉक्स में ताला तक नहीं लगाया गया है। और इसका मकसद छात्राओं से छुट्टे पैसों का हिसाब-किताब स्वयं करवाना है।
और इस तरह खरीदारी कर स्कुल छात्राएं खुद ही जमा-घटाव का ज्ञान भी अर्जित कर रही हैं। और साथ ही ईमानदारी का पाठ भी पढ़ रहीं हैं। इस ‘ईमानदारी स्टोर में छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी वस्तुएं कॉपी, पेन, पेंसिल, गोंद, फाइल कवर, कला विषय के लिए रंग, शीट्स, लड़कियों के लिए सेनेटरी नेपकिन इत्यादि पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी वस्तुएं रखी गई हैं। तथा इस स्टोर का संचालन छात्राएं ही करती हैं। आपको बता दे की यह सब आदर्श राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंबा के शारीरिक शिक्षक मोहम्मद शेख की पहल से संभव हो पाया है। और इस स्टोर से छात्राएं बिना किसी से पूछे अपनी जरूरत की चीजें लेतीं हैं।
मोहम्मद आजम शेख ने बताया कि इस ईमानदारी स्टोर का मकसद छात्राओं में ईमानदारी की भावना का विकास करना है। और साथ ही उन्हें जागरूक करना तथा बेहतर प्रबंधन सीखाना है। सुबह ईमानदारी स्टोर का सामान गिनना, उसे लगाना, और कम हुए सामान की सूची बनाना आदि शामिल है। और साथ ही उन्होंने बताया कि विद्यालय की प्रधानाचार्य नीलम वर्मा का इस पाठशाला को आरंभ करवाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
ईमानदारी स्टोर गरीब बच्चों से नहीं लिया जाता एक भी पैसा
शारीरिक शिक्षक आजम शेख के अनुसार ईमानदारी की पाठशाला में गरीब बच्चों से सामान के बदले कोई भी पैसा नहीं लिया जाता है। और उन्हें पढ़ाई के लिए सामान निशुल्क दिया जाता है। जिसकी कीमत वह स्वयं चुकता करते हैं।