स्पेशल टास्क फोर्स और स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रेाल यूनिट ने अब नशे की जड़ा़ें पर चोट करेगी। बता दे की तस्करों के खिलाफ कार्रवाई का ब्लू ङ्क्षप्रट तैयार किया गया है। और अब दूसरे चरण में बड़े सरगना पर कानूनी कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में पहली बार बटालियनों के कमांडेंटों की अगुवाई में एसटीएफ गठित की गई है जो डीजीपी को रिपोर्ट करती है।
पहले चरण में दबिश व संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई में मिली सफलता के बाद इस टीम के हौसले काफी बुलंद हैं। एसटीएफ को निर्देश दिए गए हैं कि जिलों में बड़ा इंटेलीजेंस नेटवर्क तैयार करें। और विशेष मुहिम के तहत खासकर सीमावर्ती जिलों के उन संवेदनशील इलाकों को चिह्नित किया गया है जहां से मादक द्रव्य पदार्थों की तस्करी होती है। और इनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जिनकी सीमाएं पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड से लगती हैं। और इसका मकसद यही है कि हिमाचल प्रदेश को उड़ता पंजाब बनाने से रोका जाए। तस्करों की संपत्ति को भी अटैच किया जाएगा।
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