बाहरी राज्यों से एंट्री के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव करते हुए 5 बड़े अहम् फैसले लिए हैं। अब हिमाचल प्रदेश आने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक सख्त किया गया है। और इसके तहत रजिस्ट्रेशन के दौरान आने तथा जाने वाले दोनों स्थानों के रेजीडेंस प्रूफ अपलोड करने अबश्यक होंगे। संबंधित जिलों के डीएम दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद ही बाहर से आने वालों को एंट्री की परमिशन देंगे। बता दे की अप्रत्यक्ष रूप से यह व्यवस्था अब एक दोवारा जिला प्रशासन की अनुमति पर निर्भर रहेगी।
परन्तु सही जानकारी और पुख्ता दस्तावेज अपलोड करने वालों को हिमाचल प्रदेश में आने की मनाही नहीं होगी। और अब से रजिस्ट्रेशन के बाद स्वीकृति लेटर जारी होने के बाद ही हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर एंट्री मिलेगी। राज्य सरकार का आईटी डिपार्टमेंट आवेदक को स्वीकृति लेटर जारी करेगा। और इसके लिए हरी झंडी संबंधित जिला के डीसी देंगे।
दूसरा बड़ा फैसला क्वारंटाइन से छूट के नियमों की सख्ती पर लिया गया है। राज्य सरकार ने छात्रों, व्यापारियों, आढ़तियों, सर्विस प्रोवाइडर तथा शादी, मीटिंग, मृत्यु व बीमारी की परिस्थितियों में क्वारंटाइन के नियमों में छूट दी है। और इन परिस्थतियों के बीच हिमाचल प्रदेश में आने वालों को अब अपना पर्पज एंड कॉज दर्शाना जरूरी होगा। और इसके लिए संबंधित दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के दौरान अपलोड करना बहुत जरूरी होगा। और जिला के डीएम इसकी जांच करेंगे। इसके बाद से ही क्वारंटाइन से छूट के लिए हरी झंडी मिलेगी।
तीसरा अहम फैसला इंडस्ट्री लेबर को क्वारंटाइन करने को लेकर किया गया है। चौथा निर्णय हिमाचल प्रदेश में आने वाले प्रदेश के अपने लोगों को कोविड टेस्ट के आधार पर क्वारंटाइन में छूट दिए जाने का लिया गया है। और इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति 72 घंटे पहले अपने कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ हिमाचल प्रदेश आकर सीधा घर जा सकता है।
पांचवां अहम फैसला फर्जी व चोर रास्तों से हिमाचल प्रदेश में आने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने को लेकर किया गया है। और इसकी पुष्टि करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया की इस समय प्रदेश आगमन पर ई-पास नहीं दिए जा रहे हैं। और बाहर से आने वालों द्वारा दी जा रही जानकारी को आधार मानकर उन्हें पंजीकृत कर हिमाचल प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। और ऐसी स्थिति में बहुत से लोग अपना पता गलत बता रहे हैं और अन्य विवरण भी गलत भर रहे हैं।
इस लिए उन्होंने कहा कि नियमों में परिवर्तन करते हुए अब प्रत्येक आगंतुक को अपनी वांछनीय सूचना सत्यापित करनी होगी, और जिसके लिए अधिकारियों को प्राधिकृत कर दिया गया है। उनके द्वारा दी गई जानकारी को सत्यापित होने के उपरांत ही पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण मानी जाएगी। और यदि कोई व्यक्ति गलत सूचना देते पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।