भारत सरकार Coronavirus के इलाज में प्रभावी मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन तथा पैरासिटामॉल के निर्यात पर से बैन हटाने के लिए तैयार हो गई है. बता दे की विदेश मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला ले लिया है कि Coronavirus
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी, ‘Coronavirus महामारी से इस समय भारत समेत विश्व के तमाम देश जूझ रहे हैं. और इस वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के देखते हुए, यह तय किया गया है कि भारत अब अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा और जिनकी निर्भरता भारत पर है.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘की भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता एवं सहयोग दिखाना चाहिए. और इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है.’
अमेरिका, ब्राजील, स्पेन और जर्मनी समेत करीब 30 देशों से Coronavirus संकट के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात के लिए अनुरोध किया गया है इनमें से ज्यादातर देशों ने बैन हटाने की भारत से मांग की थी.
आपको बता दे की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगाह किया है कि यदि उनके व्यक्तिगत अनुरोध के बाद भी अगर भारत हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन का निर्यात नहीं करता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है. और उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी होगी अगर भारत नहीं मानता है, क्योंकि अमेरिका से उसके अच्छे संबंध हैं. और इसके बाद भारत सरकार ने ये फैसला लिया है .
साथ ही भारत को अपने निकटतम पड़ोसियों श्रीलंका और नेपाल तथा कई अन्य देशों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति को लेकर अनुरोध प्राप्त हुए हैं.
भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा निर्यातक
भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे अधिक निर्यातक देश है. और इसके लिए कच्चा माल चीन से आता है और जिसकी कीमत भी हाल के दिनों में Coronavirus की वजह से बढ़ गई है. और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में होता है और भारत में मलेरिया के मरीजो की संख्या बहुत है, और इसलिए भारत मे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन अधिक होता है और ये सबसे बड़ा निर्यातक भी है.
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