आखिरकार निर्भया के चारों दोषियों विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को मौत की सजा दी गई है। आज सुबह ठीक 5.30 बजे इन चारो को फांसी पर लटका दिया गया। और निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक दिन में फांसी रुकवाने की सभी चालें नाकाम होने के बावजूद निर्भया के दरिंदे मौत से बचने के लिए आखिरी पल तक तिकड़म लगते रहे। परन्तु देर रात हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने पर गुनहगारों के वकील रात डेढ़ बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंचे।
और उनकी याचिका पर रात ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट खुला और जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई की। पट करीब 50 मिनट सुनवाई के बाद पीठ ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। और कोर्ट ने कहा, याचिका आधारहीन है। और इसके साथ ही सात साल, तीन माह और तीन दिन बाद शुक्रवार सुबह 5.30 बजे इन चारो को विनय श्रमा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया।
परन्तु इनमें से तीन दोषियों ने निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज किए जाने के खिलाफ गुरुवार रात दिल्ली की उच्च न्यायालय का रुख किया। और रात करीब 10 बजे हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने भी याचिका खारिज कर दी। और अदालत ने दोषियों के वकील से सख्त लहजे में कहा अब आपके मुवक्किलों का ऊपरवाले से मिलने का वक्त आ गया है। और इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, परन्तु यहां भी उनके हाथ मायूसी ही लगी।
निर्भया की मां ने अदालत के इस आदेश पर खुशी जताई
निचली अदालत ने इन चारो दोषियों की याचिका खारिज की तो एक ओर जहां पीड़िता का परिवार खुश नजर आया तो वहीं दूसरी ओर दोषी अक्षय की पत्नी के आंसू छलक आए। और निर्भया की मां आशा देवी ने आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि दोषियों की फांसी के बाद उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। और उन्होंने कहा, मैं खुश हूं। मेरी बेटी के साथ हुए अपराध के सात वर्ष बाद मुझे न्याय मिला है। और आखिरकार अब दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। अब जाकर मुझे सुकून मिलेगा।