जिला मुख्यालय सोलन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार के समय खोला गया अरण्यपाल दफ्तर अब बंद होगा। बता दे की मौजूदा सरकार ने इसे बंद करने की पूरी तैयारी कर ली है। और बताया जा रहा है कि इस संदर्भ में सभी औपचारिकताओं को अंतिम रूप दे दिया गया है अब बहुत जल्द ही यहां पर दफ्तर में ताला जड़ दिया जाएगा।
अरण्यपाल के दफ्तर को बंद करने की असल कारण क्या है?
अरण्यपाल के दफ्तर को बंद करने की असल कारण अभी तक किसी को भी मालूम नहीं है। जानकारी के मुताबिक पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार ने सोलन में नया अरण्यपाल दफ्तर खोला था। और दफ्तर का शुभारंभ विधानसभा चुनाव से करीब आठ माह पूर्व किया था। जिला सोलन के दौरे पर स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ममलीग में इसकी घोषणा की थी। और इसके अतिरिक्त उन्होंने जल शक्ति विभाग के सर्किल ऑफिस भी सोलन में खोलने की घोषणा की थी। और कुछ ही समय बाद दोनों दफ्तर सोलन में खुले और सुचारू रूप से चल रहे थे।
इससे पहले अरण्यपाल और जल शक्ति विभाग का सर्किल कार्यालय जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में होता था, और वहीं से ही दोनों जिलों का कामकाज देखा जाता था। और ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों की मांग पर यह दोनों दफ्तर जिला मुख्यालय सोलन में खोल दिए गए थे। अब इस कारण अधिकारियों सहित कर्मचारियों एवं आम लोगों को दोनों कार्यालय से संबंधित कार्यों के लिए करीब 95 किलोमीटर दूर नाहन नहीं जाना पड़ रहा था, परन्तु अब अरण्यपाल का दफ्तर बंद होने के बाद इस कार्यालय से संबंधित कार्यों के लिए एक बार फिर लोगों को नाहन के चक्कर काटने पड़ेंगे। उधर, दफ्तर बंद होने की भनक लगते ही कांग्रेस पार्टी विरोध में भी उतर गई है। कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार पहले से ही नहीं चाहती थी कि सोलन में अरण्यपाल का दफ्तर बना रहे।