शांता कुमार लोकसभा चुनाब लड़ने या ना लड़ने पर कोई सार्बजनिक टिपणी नहीं करेंगे। शांता कुमार ने ये निर्णय अपने सहयोगी नेता के परामर्श पर लिया है। शांता कुमार पहले ही बयान देय चुके है की चुनाब लड़ना या न लड़ना यह पार्टी पर छोड़ दिया है। शांता कुमार ने अब किसी भी बाद बिबाद से बचने के लिए चुपी साधने का निर्णय लिया है।
एक बार शांता कुमार ने एक प्र्शन का उतर देते कुछ कह दिया तो उस संधर्ब में चर्चा हुई थी। तो दिल्ही पार्टी के एक नेता ने उन्हें कहा इस सबंध में उन्हें सार्बजनिक रूप से कहने की अबसकता नहीं है। तभी शांता कुमार ने चुनाब लड़ने या न लड़ने का निर्णय पार्टी पर छोड़ दिया।
शांता कुमार का कहना है बे पार्टी के कार्य कर्ता है और हमेशा रहेंगे। पार्टी का छाए जो भी निर्णय हो।