भरमौर-अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पीपी सिंह ने कहा है कि मणिमहेश यात्रा के राधाष्टमी के शाही और पवित्र स्नान के लिए सचुंई गांव के दस चेलों को जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। और उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत संचुई के शिव चेलों के प्रतिनिधि मंडल ने प्रशासन से मणिमहेश यात्रा के डल झील में शाही स्नान के रस्मो रिवाज को पूरा करने के लिए अनुमति मांगी है। और इसमें केवल दस चेलों को ही मणिमहेश डल झील पर स्नान के लिए अनुमति दी गई है। इनके साथ छह के करीब वाद्य यात्रियों को भी जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। जिला चंबा से चरपट नाथ व दशनामी अखाड़ा छड़ी के साथ आने वाले लोगों ने अभी तक अनुमति नहीं ली है। और उन्होंने कहा कि राधाष्टमी से चार दिन पूर्व हड़सर में पुलिस विभाग के छह सदस्य, भरमाणी मंदिर में तीन सदस्य व चौरासी मंदिर परिसर गेट पर दो सदस्य टीम की तैनाती दिन व रात रहेगी।
और इसके अतिरिक्त मणिमहेश डल झील की ओर जाने वाले समस्त जंगली रास्ते वाया कलाह, कुगती मणिमहेश परिक्रमा के रास्तों से मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही को रोकने हेतु भी पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। तथा उन्होंने कहा कि 15 जुलाई को मणिमहेश न्यास भरमौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण मणिमहेश यात्रा के दौरान धार्मिक परंपराओं और रीति-रिवाजों का निर्वहन केवल सीमित रूप से एहतियात के तौर पर होगा। उधर, थाना प्रभारी भरमौर नितिन चौहान ने बताया है कि जम्मू के भद्रवाह, डोडा व भलेश के जिला प्रशासन की अनुमति से आए 63 के करीब मणिमहेश यात्रियों के जत्थों को 10 से 15 के ग्रुप में डल झील के लिए रवाना कर दिया गया है। डल झील में पूजा अर्चना व स्नान के बाद देर रात तक हड़सर पहुंचने के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे।
न्यूज़ सोर्स : https://www.divyahimachal.com/2020/08/dal-jhel-mein-das-chelen-lagaeng/
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